PM से बोले पंजाब CM अमरिंदर- ऐसा रास्ता निकालो न उद्योगों को नुकसान हो न मजदूरों को

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि इस कठिन समय में श्रमिकों के हितों की रक्षा की जाए, लेकिन उद्योगों की आर्थिक हालत को भी नजर में रखा जाए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते पहले से कारोबारी गतिविधि पूरी तरह से बंद पड़ी है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को लिखा खत
औद्योगिक इकाइयों की आर्थिक हालत पर रखी बात
कोरोना संक्रमण के कारण पैदा हुए संकट से निपटने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस कठिन समय में श्रमिकों के हितों की रक्षा की जाए, लेकिन औद्योगिक इकाइयों की आर्थिक हालत को भी नजर में रखा जाए. साथ ही अमरिंदर ने पीएम से आग्रह किया है कि उद्योग और दुकानों/ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के दिए गए निर्देशों पर पुनर्विचार करें, जिसमें यह कहा गया है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान वो अपने श्रमिकों को पूरी मजदूरी देना जारी रखें.
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए इन कठिन समयों में उद्योग/वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों आदि के लिए अपूरणीय क्षति के बिना नवीन समाधानों की तलाश करने का आग्रह किया है. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी गृह मंत्रालय के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है.
कैप्टन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के जारी निर्देशों जिक्र है, जिसमें यह कहा गया है कि काम देने वाले सभी मालिक चाहे वह उद्योग के मालिक हों या दुकानों और व्यापारिक संस्थानों के स्वामी, किसी कटौती के बिना निर्धारित तारीख को अपने मजदूरों/कामगारों को वेतन देना चाहिए.
सीएम ने पीएम से कहा कि इस आदेश पर पुनर्विचार की आवश्यकता है, क्योंकि पंजाब का औद्योगिक सेक्टर जिसमें बड़े स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमईज़) शामिल हैं, के लिए इन निर्देशों को लागू करना असंभव है. मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र पहले ही बहुत दबाव और स्रोतों की कमी के दौर में से गुजर रहा है.
लॉकडाउन के चलते पंजाब में अधिकांश इकाइयों की आय पूरी तरह से रुक गई है. इस स्थिति में ऐसा कोई फ़ैसला न सिर्फ मुश्किलों को और बढ़ा देगा बल्कि कई औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का कारण भी बन सकता है. साथ ही कैप्टन अमरिंदर ने कहा, ऐसा रहा तो मजदूरों विशेष रूप से कम-भुगतान वाले आय से वंचित हो सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दखल देना चाहिए और कुछ नए समाधानों की खोज करनी चाहिए. ऐसे कदम उठाया जाना चाहिए, जिससे उद्योग और औद्योगिक इकाइयों की वित्तीय हालत बिगड़े बिना श्रमिकों के हितों की रक्षा की जा सके. यह बताते हुए कि राज्य सरकार ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय को इस मुद्दे पर अलग से लिखा था, कैप्टन अमरिंदर ने प्रधानमंत्री से इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने की सलाह देने का आग्रह किया.