हिंदुओं और इसाइयों को खाना देने से इनकार करने पर पाकिस्तान को अमेरिका ने लताड़ा

कोरोना वायरस के फैलने के कारण पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदायों को भोजन नहीं मिलने की खबरों से वह "परेशान" हैं।
वाशिंगटन। पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदायों को कोरोना वायरस के संकट में खाने-पीनी की चीजों से वंचित रखने की खबरों को "निंदनीय" करार देते हुए, अमेरिकी सरकार के एक संगठन ने इस्लामाबाद से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि खाद्य सहायता वितरित करने वाले संगठन देश के सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ समान रूप से उसे साझा करें।
यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) की आयुक्त, अनुरिमा भार्गव ने कहा- जैसा कि COVID-19 का फैलना जारी है, पाकिस्तान के भीतर कमजोर समुदाय भूख से लड़ रहे हैं और उनके परिवारों को सुरक्षित व स्वस्थ रखने के लिए किसी को भी उसके धर्म या विश्वास के आधार पर खाद्य सहायता देने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
USCIRF ने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने के कारण पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई समुदायों को भोजन नहीं मिलने की खबरों से वह "परेशान" हैं। भार्गव ने कहा- ये हरकतें निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तानी सरकार से यह अनुरोध करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि संगठनों द्वारा वितरित की जाने वाली खाद्य सहायता हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ समान रूप से साझा की जाएं।
कराची में ऐसी खबरें आई हैं कि बेघर और मौसमी कामगारों की सहायता के लिए स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन सयानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट हिंदुओं और ईसाइयों को खाद्य सहायता देने से इनकार कर रहा है। उनका तर्क है कि यह सहायता केवल मुसलमानों के लिए आरक्षित है। USCIRF ने अपनी 2019 की वार्षिक रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई की सुरक्षा के लिए खतरा लगातार बना हुआ है और वे उत्पीड़न व सामाजिक बहिष्कार के विभिन्न रूपों का सामना करते हैं।